Mahka Rajasthan Vimochan By CM Vasundhra Raje
Wednesday, December 14, 2016
तीन साल चहुंमुखी विकासः शहरों से गांव की चौपाल तक
Monday, December 12, 2016
नबी का पैग़ामः आपसी भाईचारा और कौमी एकता
नबी का पैग़ामः आपसी भाईचारा और कौमी एकता
अब्दुल सत्तार सिलावट
पाली। इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.व.) ने पहला पैग़ाम आपसी भाईचारा, मोहब्बत और अमनों अमान से रहना एवं अपने पडौसी के दुःख सुख में भागीदार बनना है। ईद मिलादुन्नबी पर पश्चिमी राजस्थान के पाली शहर में विशाल तकरीर प्रोग्राम में मौलाना हाफिजो-कारी अब्दुल वली रशीदी साहब ने पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.व.) के जीवन के अनुकरणीय पहलुओं पर कहा कि ‘आपने’ अपने दुश्मनों, विरोधियों तक को माफ़ कर अमन की सीख दी है।
पाली के नाड़ी मोहल्ला में अन्जुमन सीरतुन्नबी की तरफ से ईद मिलादुन्नबी के जलसे में विशाल मंच पर पाली शहर की मस्जिदों के ईमाम, मौलाना, कारी, हाफिज, दारुल ऊलूम के संचालकों की मौजूदगी में शाहपुरा (भीलवाड़ा) से तशरीफ लाये मौलाना रशीदी साहब ने पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.व.) के पैगाम को आम मुसलमानों तक पहुंचाते हुए अपनी सरज़मीं से मोहब्बत, अपनों से कमजोर और मजबूर लोगों की मदद के साथ भाईचारे और कौमी एकता को मज़बूत करने का संदेश दिया।
अंजुमन सीरतुन्नबी के सदर हाजी मोहम्मद रफीक गौरी ने इस मौके पर कहा कि पिछले एक दशक से ईद मिलादुन्नबी के विशाल जुलूस को पाली की मुख्य मार्गों से इस्लामी झांकियों, झंडे, नारों एवं पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.व.) के संदेशों की तख्तीयों, नात-ए-कलाम के साथ कौमी एकता के जुलूस के रूप में निकाला जाता है।
सदर रफीक गौरी ने बताया कि पाली शहर में हिन्दू मुस्लिम एकता और भाईचारे के अन्य जुलूस रामनवमी, जन्माष्टमी, महावीर जयन्ति के साथ इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.व.) के यौमे पैदाईश का विशाल जुलूस जिसका पाली शहर में मुसलमानों के अलावा कौमी एकता के समर्थक हिन्दू भाईयों द्वारा पुष्प वर्षा, फल वितरण, जुलूस में भाग ले रहे बच्चों को आईस्क्रीम वितरण कर ईद मिलादुन्नबी के जुलूस का स्वागत करते हैं।
आज के जुलूस में अंजुमन सीरतुन्नबी के सदर, सचिव और कमेटी के अलावा पूर्व उप सभापति नगर परिषद पाली मोहतरमा शमीम मोतीवाला एवं नगर परिषद पाली के मौजूदा बोर्ड के पार्षद अनवर अली सहित कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लेकर जुलूस का नेतृत्व किया।
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Tuesday, October 25, 2016
तलाक कौन सी? कुरान या अदालती
तलाक कौन सी? कुरान या अदालती
Wednesday, October 5, 2016
प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर ‘लुका-छिपी’ खेल रहे हैं... Pollution Control Game in Pali Taxtile Industries
प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर ‘लुका-छिपी’ खेल रहे हैं...
अब्दुल सत्तार सिलावट
पाली की रंगाई छपाई फैक्ट्रीयों के प्रदूषण का स्थाई हल राजनेता, प्रदूषण रोकने वाले सीईटीपी और सरकार के प्रदूषण विभाग तथा उनके मंत्री भी अच्छी तरह से जानते हैं। लेकिन पिछले तीन दशक से कांग्रेस भाजपा की सरकारों के मंत्री और अधिकारी जानबूझकर प्रदूषण के स्थाई समाधान के ‘फार्मूले’ को टाल-मटोल या नजर अंदाज कर अपना ‘लक्ष्य’ पूरा करते रहे हैं। फैक्ट्रीयों के उज्जवल भविष्य को बनाने में लगे नेता ‘एनजीटी’(राष्ट्रीय हरित अधिकरण) को भ्रमित करने में ‘फेल’ रहे हैं और हाल की पेशी पर फैक्ट्रीयां ‘बंद-चालू’ के बयानों में स्वयं ही उलझकर दीपावली की चमक को फीकी कर बैठे हैं।
जयपुर। बचपन में छोटे-भाई बहिनों के साथ घर के दो-तीन कमरों में जब ‘लुका-छिपी’ का खेल खेलते थे तब भोले-भाले छोटे भाई बहन जो अच्छी तरह छुप नहीं पाते थे, उन्हें देखकर भी अन्जान बनकर दूसरे कमरों में ढूंढ़ते थे और बाद में उन्हें नहीं पकड़ पाने में हारकर उन्हें जीत की खुशी देते थे।
बस ऐसा ही ‘लुका-छिपी’ का खेल पश्चिमी राजस्थान की टेक्सटाईल नगरी पाली में पिछले सवा महिने से बंद पड़ी फैक्ट्रीयों को चालू करवाने के नाम पर राजनेता, उद्योग प्रतिनिधि, प्रदूषण नियंत्रण मंडल और राजस्थान सरकार के पर्यावरण मंत्री सब कुछ जानते हुए भी अन्जान बनकर खेल रहे हैं।
पाली के चार औद्योगिक क्षेत्रों में छः सौ फैक्ट्रीयां हैं तथा इनसे निकलने वाले प्रदूषित पानी को साफ करने के लिए छः ट्रीटमेंट प्लांट बने हुए हैं। कुल छः सौ फैक्ट्रीयों में से साढ़े पांच सौ फैक्ट्रीयों का प्रदूषित पानी सिर्फ दो ट्रीटमेंट प्लांट साफ कर सकते हैं जबकि शेष बची पचास से साठ फैक्ट्रीयां जो अपने आप में पावर प्रोसेस मिल के बराबर हैं, उनसे निकलने वाले प्रदूषित पानी को अभी चल रहे छः ट्रीटमेंट प्लांटों के साथ छः और नये ट्रीटमेंट प्लांट बना दिये जायें तब भी इन मिलों से बाढ़ की तरह निकलने वाले पानी को बिना ट्रीटमेंट के बांडी नदी में मजबूरन डालना होगा जैसा अब तक होता रहा है।
पाली की 90 प्रतिशत हैण्ड प्रोसेस फैक्ट्रीयों की ‘आहुति’ इन 50-60 बड़े पावर प्रोसेस मिलों को चलाने की जिद में पिछले सवा महिने से बंद रखकर दी जा रही है। इस बात को पाली के राजनेता, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के पाली से जयपुर तक बैठे उच्च अधिकारी एवं जिला प्रशासन खूब अच्छी तरह से जानता है। लेकिन इन 50-60 बड़े पावर प्रोसेस मिलों का सीईटीपी से लेकर भाजपा सरकार के नेताओं और प्रदूषण मंडल के चेयरमैन और पर्यावरण मंत्री तक इतना प्रभाव, इतनी अच्छी और मजबूत पकड़ है कि जब तक इनके इच्छानुसार और इनके हित का निर्णय नहीं होगा तब तक ये पाली की फैक्ट्रीयों की चिमनियों से धुंआ नहीं निकलने देंगे।
कौन हैं ‘बड़े’
बड़े पावर प्रोसेस मिलों के मालिक पिछले तीस साल में सीईटीपी के बड़े पदों पर रहे उद्यमी हैं। राजनीति में कांगे्रस-भाजपा में नगर परिषद चेयरमैन, शहर-ब्लॉक अध्यक्ष पदों पर रह चुके नेता और मौजूदा भाजपा सरकार में जयपुर, दिल्ली में बैठे नेताओं के ‘प्रियजन’ भी बड़ों की सूचि में शामिल हैं। पाली के उद्योगों को जिंदा रखना है तो सरकार सख्ती के साथ पावर प्रोसेस मिलों को तत्काल बंद करे।
खेल केएलडी का
सीईटीपी के पदाधिकारियों के पास एक ताकत केएलडी बांटने का ‘वीटो’ पावर है जिसमें दो हजार वर्ग मीटर की एक फैक्ट्री के पास मात्र 48 केएलडी प्रदूषित पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक भेजने का अधिकार है। जबकि दो हजार वर्ग मीटर वाली ही कई फैक्ट्रीयों को सीईटीपी द्वारा तीन सौ केएलडी तक आवंटित किया गया है और नियमों को ‘पर्स’ में रखकर केएलडी लुटाने का खेल किया गया है। केएलडी लूटने के आरोप भी सीईटीपी के बड़े पदाधिकारियों पर अधिक लग रहे हैं।
सबसे शर्मनाक
सीईटीपी ने केएलडी लुटाने के साथ अपने चहेतों और व्यावसायिक रूप से लाभ देने वालों में जिन उद्योगों के पास मात्र 15 और 17 केएलडी आवंटित है उनकी फैक्ट्रीयों से 200 से 300 केएलडी प्रदूषित पानी ट्रीटमेंट प्लांट में भेजने का अधिकार भी है। सरकार को इन फैक्ट्रीयों का सर्वे कर जिन लोगों ने बिना केएलडी के बड़े पावर प्रोसेस की मशीनें लगाई हैं उन्हें बेनकाब कर केएलडी तत्काल रद्द कर पूरी पाली के लिए केएलडी आवंटन का ‘पुनायता’ फार्मूला लागू किया जाये।
Saturday, August 20, 2016
राजस्थान की ‘डायनामिक’ महिला मुख्यमंत्रीः सुमित्रा
राजस्थान की ‘डायनामिक’ महिला मुख्यमंत्रीः सुमित्रा
...कौन रोकेगा हमें
ब्रिक्सः सभी देशों की भाषा में प्रसारण
Monday, August 15, 2016
जय जय जय राजस्थान...
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पाली का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
पाली का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
राजस्थान को देश विदेश में चमकाया
राजस्थान को देश विदेश में चमकाया
कुम्पावत बंधुओं को राष्ट्रपति जीवन रक्षा पदक
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Tuesday, August 2, 2016
मुस्लिम बेटीयां भी उच्च शिक्षा तक जाएं
मुस्लिम बेटीयां भी उच्च शिक्षा तक जाएं
लड़कियां भी तालीम में बुलंदी छुए-मौलाना
Thursday, July 28, 2016
मकराना में हाजियों का टीकाकरण
लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक
मकराना में हाजियों का टीकाकरण
मकराना की सड़कों पर ‘हीरो-आई स्मार्ट’
मकराना की सड़कों पर ‘हीरो-आई स्मार्ट’
Wednesday, July 13, 2016
नेताओं की आँखों से पानी सूख गया हैः जल पुरूष
नेताओं की आँखों से पानी सूख गया हैः जल पुरूष
नाबार्ड मिशन, जल ही जीवनः अरोरा
Monday, July 11, 2016
बैंकों वाले प्रधानमंत्री के विरोध में
प्रधानमंत्री रोजगार योजना
बैंकों वाले प्रधानमंत्री के विरोध में
‘अर्जुन’, अब तो तीर चला दो
Sunday, July 10, 2016
बदले-बदले मेरे ‘सरकार’ नज़र आते हैं...
बदले-बदले मेरे ‘सरकार’ नज़र आते हैं...
अब्दुल सत्तार सिलावट
...‘अपणायत’ की सलाह
Tuesday, July 5, 2016
चुनाव यूपी में : मंत्रियों की सौगात राजस्थान को
चुनाव यूपी में : मंत्रियों की सौगात राजस्थान को
अब्दुल सत्तार सिलावट
Friday, July 1, 2016
सालोदिया की टोपीः मीणा की ताजपोशी में सहायक
सालोदिया की टोपीः मीणा की ताजपोशी में सहायक
अब्दुल सत्तार सिलावट
दिल्ली के नजीब जंग को याद किया
फाइलों का ‘मार्ग बदलेगा’?
Thursday, June 30, 2016
चीन की सरकार का रोजा रखने पर प्रतिबंध
चीन की सरकार का रोजा रखने पर प्रतिबंध
अब्दुल सत्तार सिलावट
चीनः रूस और अमेरिका से बड़ा है क्या?
चीनः हाय रे, ये मजबूरियां
Wednesday, June 29, 2016
महारानी जीः रूस से डेयरी तकनीक भी लावें
महारानी जीः रूस से डेयरी तकनीक भी लावें
अब्दुल सत्तार सिलावट
हमारी नस्ली गायें ‘ब्राजील’ से इम्पोर्ट करते हैंः मेहता
शहर की डेयरियों से दूध के साथ बीमारियां
Tuesday, June 21, 2016
पाली के दूध की गुणवत्ता राष्ट्रीय स्तर पर
पाली के दूध की गुणवत्ता राष्ट्रीय स्तर पर
अब्दुल सत्तार सिलावट
राजस्थान में दूसरी बार सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने राजस्थान में दूध की नदियां बहाने का आव्हान करते हुए ‘श्वेत क्रांति’ का नारा दिया था और श्वेत क्रांति का मिशन लेकर आगे बढ़ रही राज्य की ‘सरस डेयरी’ ने ग्रामीण स्तर पर लाखों दुग्ध उत्पादकों में डेयरी से जुड़कर पशुधन विकास का विश्वास पैदा किया है इसी मिशन में पश्चिमी राजस्थान के पाली जिला मुख्यालय की सरस डेयरी भी है जो अपनी उत्पादन क्षमता से डेढ़ गुना अधिक दूध संग्रह कर घी, पनीर, श्रीखण्ड, दही, छाछ और लस्सी जैसे उत्पादों में विशेष गुणवत्ता की पहचान रखती है।
पाली डेयरी पिछले चार दशक से रेगिस्तान से जुड़े गाँवों में कम पशुधन होने के बावजूद छोटे-छोटे गाँवों, आदिवासी क्षेत्रों एवं मुख्य सड़क मार्ग से दूर-दराज के गाँवों से भी दूध संकलन कर श्वेत क्रांति के मिशन में सक्रिय रही है। प्रारम्भ के डेढ़ दशक तक पाली डेयरी सिर्फ दूध संकलन कर दिल्ली की मदर डेयरी को देता था और मदर डेयरी दिल्ली में पाली के दूध की गुणवत्ता का आज भी उल्लेख किया जाता है। पिछले दिनों श्वेत क्रांति पर राष्ट्रीय स्तर के अंग्रेजी समाचार पत्र ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित लेख में पाली डेयरी के दूध की उच्च गुणवत्ता का उल्लेख भी किया गया था।
राजस्थान में पशुधन के लिए सम्पन्न जिले की इक्कीस डेयरियों में जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा और अलवर के बाद पांचवें स्थान पर पाली डेयरी दुग्ध संकलन एवं उत्पादों की गुणवत्ता में महत्व रखती है जबकि पाली जिले की सुमेरपुर मंडी नकली घी उत्पादन का मुख्य केन्द्र होने के बाद भी पाली की सरस डेयरी का बना घी शादी-ब्याह, हलवाईयों एवं असली घी का उपयोग करने वालों में मार्केट रेट से सौ-पचास रूपया अधिक दर पर माँग में रहता है।
पाली सरस डेयरी से जिले भर के 548 दुग्ध उत्पादक जुड़े हुए हैं तथा दुग्ध संग्रह के लिए बड़े गांवों के संग्रहण केन्द्रों पर दूध की गुणवत्ता, फेट प्रतिशत के आधार पर दूध लेते समय ही गुणवत्ता के साथ दूध के मूल्य की स्लिप कम्प्यूटर द्वारा बनाकर दे दी जाती है जिसका भुगतान दो सप्ताह में केन्द्रों के मार्फत किया जाता है।
पाली डेयरी के संचालक मण्डल के ग्यारह सदस्यों को साथ लेकर डेयरी विकास में सक्रिय अध्यक्ष प्रतापसिंह बिठियां का उल्लेखनीय योगदान रहा है। बिठियां 2005 से निरन्तर तीसरी बार पाली डेयरी संचालक मण्डल के निर्विरोध अध्यक्ष बनते आ रहे हैं। जिले के पशुधन और दूध उत्पादन से जुड़े किसानों को अध्यक्ष प्रतापसिंह बिठियां पर इतना भरोसा है कि डेयरी के संकलन केन्द्रों द्वारा जारी फेट प्रतिशत और मूल्य रसीद को लेकर संतुष्टी है।
पाली डेयरी को भारत सरकार का सहयोग
पाली डेयरी के उप प्रबंधक हेमसिंह चूण्डावत ने बताया कि डेयरी को भारत सरकार से 8 करोड़ रूपया नये भवन एवं मशीनरी के लिए मिल रहा है। डेयरी में दो करोड़ की लागत से नया भवन निर्माण कर पैकिंग की अतिआधुनिक टेट्रा पैक मशीन लगाई जाएगी।
चूण्डावत ने बताया कि राज्य में कुछ बड़ी डेयरी में अब तक दूध उत्पादों में पावडर भी बन रहा है जबकि पाली डेयरी विस्तार योजना में तीस करोड़ लागत की मशीनरी वाला पावडर उत्पादन प्लांट भी शामिल है। आपने बताया कि नई तकनीक से दूध को प्रोसेस कर लम्बे समय तक टेट्रा पैक में सुरक्षित रखा जा सकता है।
उप प्रबंधक ने बताया कि पाली डेयरी की 70 हजार लीटर की क्षमता के बाद भी टीम द्वारा सवा लाख लीटर तक प्रतिदिन दूध प्रोसेस के साथ डेढ़ लाख लीटर दूध भण्डारण की व्यवस्था भी है।
अमूल से कम पैसा, सीधा किसान को भुगतान नहीं
पाली जिले के माण्डल गाँव के सर्वाधिक ढ़ाई सौ भैंसों एवं सौ गायों की डेयरी चला रहे गणेश गहलोत ने बताया कि पाली डेयरी राज्य में अन्य डेयरियों के मुकाबले दूध का कम मूल्य देती है। अजमेर डेयरी 590 रूपये जबकि पाली डेयरी 550 रूपये ही देती है।
गहलोत ने राष्ट्रीय राजमार्ग 14 पर स्थित गाँव ढ़ोला से तीन किलोमीटर अन्दर माण्डल गाँव में अपने निजी कुएं पर आधुनिक सुविधा वाले पक्के शैड बनाकर गाय, भैंसों के लिए हरा चारा स्वयं के खेत में उगाते हैं। खल, पशु आहार, कुट्टी के लिए पक्के गौदामों के साथ यूपी के पशु सेवकों से भैंसों, गायों की मालिश, स्नान एवं हाथों से दुहाई करवाते हैं।
जीवन के कई वर्षों तक मुम्बई महानगर में व्यवसाय करने के बाद अपने धरती प्रेम से मोहित होकर गणेश के साथ रतन माली भी दूध कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं। हरियाणवी भैंसों के साथ दो-दो लाख के ‘पाड़े’ (नर) रखने वाले युवा दूध उत्पादकों को भारत सरकार की श्वेत क्रांति प्रोत्साहन योजनाओं में आर्थिक सहयोग नहीं देने, कम ब्याज पर ऋण एवं अनुदान नहीं मिलने से शिकायत भी है। विशेषकर नाबार्ड, ग्रामीण एवं व्यावसायिक बैंक बड़े दूध उत्पादकों को ऋण, अनुदान एवं बीमा सुविधा नहीं दे रही है। गहलोत का दावा है कि अमूल गुजरात के दूध ईकाई को सीधा भुगतान करती है जबकि पाली डेयरी संगठन केन्द्रों के मार्फत भुगतान करने से किसान को साढ़े तीन प्रतिशत कम भुगतान मिलता है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)
Friday, February 26, 2016
...आम बजट एक साल का ही बनाऐं, 2020 तक नहीं
...आम बजट एक साल का ही बनाऐं, 2020 तक नहीं
Sunday, February 21, 2016
एडीजीपी मिश्राः पुलिस आधुनिकीकरण की ओर
एडीजीपी मिश्राः पुलिस आधुनिकीकरण की ओर
पाली पुलिस की प्रशंसा एवं बधाई
Thursday, February 18, 2016
...और रक्षा मंत्री मोबाइल उद्घाटन में नहीं गये Freedom251 smartphone mobile
...और रक्षा मंत्री मोबाइल उद्घाटन में नहीं गये
...और रक्षा मंत्री मोबाइल उद्घाटन में नहीं गये
साजिद खान, सम्पादक, दैनिक महका राजस्थान
दैनिक महका राजस्थान के प्रधान सम्पादक एवं वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल सत्तार सिलावट के आलेख में फ्रीडम 251 मोबाइल की सत्यता पर उठाये सवालों की प्रति जब देश के रक्षा मंत्री तक पहुँची तब उन्होंने भी मोबाइल कम्पनी के मालिकों से हमारे लेख में उठाई गई शंकाओं का स्पष्टीकरण मांगा तो मोबाइल कम्पनी रक्षा मंत्री को संतुष्ट करने में असफल रही और देश के रक्षा मंत्री ने 251 रूपये में बेचने का दावा करने वाली कम्पनी के ‘भव्य उद्घाटन’ से किनारा कर दिया और नहीं गये रक्षा मंत्री।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि स्मार्ट फोन 251 पर दैनिक महका राजस्थान द्वारा भेजे लेख पर अधिकारियों ने गंभीरता पूर्वक विचार-विमर्श कर माननीय रक्षा मंत्री को 251 रूपये के मोबाइल बेचने के दावों में संभावित विवादों से अवगत करवाने पर स्वयं रक्षा मंत्री जी ने ही भव्य उद्घाटन में जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
वैसे तो खबरों पर सरकार, मंत्रियों और राजनेताओं का संज्ञान लेना आम बात है लेकिन यह खबर आप तक इसलिए पहुँचाई जा रही है कि देश के बड़े टीवी चैनलों और मल्टीकलर अखबारों की दौड़ में गाँव, ढ़ाणी, कस्बे या छोटे शहर में चार-आठ पेज का श्वेत-श्याम दैनिक, साप्ताहिक या पाक्षिक अखबार वाला पत्रकार स्वयं को छोटा और असहाय नहीं समझें। जनहित में, राजहित में, और कभी-कभी अपने हित में भी बिना संकोच कलम उठाकर लिखें, सत्ता के गलियारों तक सोशल मीडिया के साधनों से भेजें। आपकी बात में दम होगा तो सुनवाई जरूर होगी। एक शर्त सामने रखें कि जब आप कलम उठायें जो आप कांग्रेसी, भाजपाई, हिन्दू, मुसलमान से अलग हटकर सिर्फ पत्रकार और सिर्फ पत्रकार ही होंगे।