बदले-बदले मेरे ‘सरकार’ नज़र आते हैं...
अब्दुल सत्तार सिलावट
पाली सांसद पी.पी. चौधरी केन्द्रीय मंत्री बनने से पहले पाली में अपनी पसंद का यूआईटी चेयरमैन बनाने, प्रदुषण समस्या निपटाने में अपने समर्थकों को प्राथमिकता देते तथा ‘अपने लोगों’ को पुलिस की अच्छी पोस्टिंग, अध्यापकों के तबादलों, पटवारी-तहसीलदारों को अपने जनप्रतिनिधियों की मांग पर बाहर जिलों से लाने के सिफारिशी पत्रों पर हस्ताक्षर करते दिखाई देते थे, लेकिन मंत्री पद की शपथ के बाद अपने लोकसभा क्षेत्र के पहले दौरे में ही राष्ट्रीय स्तर की कानून पालिसी और इलेक्ट्रोनिक जनसंचार की क्रांति लाने की योजनाओं को देश भर में लागू करने की बातों से स्वागत सभाओं में जनता ही नहीं मंच पर बैठे भाजपा नेताओं को भी अपने सांसद के मंत्री बनते ही बदले-बदले से ‘सरकार’ नज़र आने लगे हैं।
मारवाड़ी में कहावत है कि ‘घर का जोगी जोगड़ा, बाहर गांव का संत’, इस कहावत को चरितार्थ किया पाली के लोकप्रिय सांसद पी.पी. चौधरी ने मंत्री पद की शपथ लेते ही। अब तक हम केन्द्र की मोदी सरकार के अरुण जेटली, वैंकेया नायडू और रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को ही भारत के भाग्य विधाताओं की नजर से देखते थे, लेकिन सांसद पी.पी. चौधरी के मंत्री बनने के बाद पाली के पहले दौरे में पहले दिन की स्वागत सभाओं की थकावट के बीच पत्रकारों के साथ पत्रकार वार्ता की औपचारिकता से दूर सांसद के दो साल के सफर से राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में मंत्री पद की शपथ लेने तक के सफर का बिना ‘लाग-लपेट’ के आत्मीयता से किये विश्लेषण के साथ अपने दोनों मंत्रालय कानून और इलेक्ट्रोनिक एवं आईटी की भावी योजनाओं का जो चित्रण पेश किया उससे पहली बार लगा कि ग्रामीण परिवेश में किसान के घर पले और लाखों वकीलों की भीड़ से निकलकर राजनीति में प्रवेश कर पहली बार सांसद पी.पी. चौधरी की ‘सोच’ देश के विकास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपनी टीम में शामिल करने का निर्णय, सब कुछ पी.पी. साहब की प्रतिभा का ‘सेल्फ इंट्रोडक्शन’ करवाते हैं।
भाजपा की केन्द्र सरकार में नरेन्द्र मोदी का पिछले दो साल में गुजरात प्रेम ही नजर आ रहा था। गुजरात कैडर के अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की कमान सम्भाले, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात विधानसभा के चुनावों में मोदी के चाणक्य ओम माथुर, बिहार-यूपी चुनाव की बागडोर में अग्रणी। लेकिन पहली बार मंत्रिमण्डल विस्तार में लगा कि 19 चेहरों का चयन ईमानदार, सेवा का समर्पण, उच्च शिक्षा के साथ अपने मंत्रालय के प्रति राष्ट्रीय स्तर की सोच के धनी भी हैं।
केन्द्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी का पहला मंत्रालय कानून इनके पेशे से जुड़ा है तथा अब तक नरेन्द्र मोदी की नजदीकियों का मुख्य स्रोत कानूनी पेचिदकीयों में सफलता वाले सुझाव और कानूनविद होने के नाते ही भारतीय संसद का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आपने प्रतिनिधित्व भी किया, लेकिन इलेक्ट्रोनिक एवं आईटी जैसा मंत्रालय जिसमें पी.पी. चौधरी के मोबाइल पर इंटरनेट और वाट्सएप भी निजी सचिव संभालते हैं ऐसे मंत्रालय के बारे में शपथ लेने के चार दिन बाद पत्रकारों को देश के ग्रामीण परिवेश को आधुनिक एवं नवीन संचार तकनीक से जोड़ने की भावी योजनाएं सिर्फ प्रभावित ही नहीं बल्कि आश्चर्यचकित करने वाली थी।
कल तक जवाई पुनर्भरण, पाली की प्रदुषण, सिवरेज और पेयजल की समस्याओं पर केन्द्र से मदद की बातें करने वाले नवनियुक्त केन्द्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी के इलेक्ट्रोनिक एवं आईटी मंत्रालय की भावी योजनाओं पर सरकारी अधिकारियों के आंकड़ेबाजी वाले बयानों से दूर एकदम सरल भाषा में ग्रामीणों के लिए कॉमन सर्विस सेन्टर (सीएससी) तथा शहरों में वाईफाई की योजनाओं से पाली के सांसद सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सोच के धनी दिखाई दिये।
...‘अपणायत’ की सलाह
केन्द्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी के शुभचिन्तकों की ‘अपणायत’ भरी सलाह है कि अब आप पाली के विधायकों, मंडल अध्यक्षों, राजनीतिक नियुक्तियों और छोटे-बड़े विवादों से पल्ला झाड़ कर ‘सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ नीति पर सभी विधानसभा क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता देकर अब तक दूर रहे नेताओं को भी गले लगा लें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपकी काबिलियत को सम्मान देकर दो-दो महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है। आपके शुभचिन्तक चाहते हैं कि आप पाली की ‘पंचायती’ से तटस्थ होकर देश सेवा के साथ पाली लोकसभा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में बिना भेदभाव के केन्द्र का धन सभी विधानसभा क्षेत्रों में लगाऐं और पाली लोकसभा क्षेत्र की जनता, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को बाध्य कर देवें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में आप बिना एक भी मीटिंग लिये या बिना गांवों के दौरे किये दिल्ली में बैठकर पाली लोकसभा क्षेत्र से निर्विरोध या ऐतिहासिक मतों से चुनाव जीत कर दोबारा लोकसभा में प्रवेश कर अगली सरकार में केबिनेट मंत्री की शपथ लेकर पाली लोकसभा क्षेत्र को गौरवान्वित होने का मौका देवें।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)
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