Friday, April 24, 2015

शाह का दौरा तय करेगा राजस्थान का भविष्य...


अब्दुल सत्तार सिलावट
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद भाजपा में राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़े नेता अमित शाह या यह भी कह सकते हैं कि नरेन्द्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से दिल्ली के लालकिले की दिवार तक प्रधानमंत्री बनाकर पहुंचाने वाला चाणक्य और आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पूरे भारत में भाजपा की प्रदेश सरकारें बनाने में एक के बाद एक कदम सफलता की ओर।
अमित शाह ने जिस पर हाथ रखा वह केन्द्र सरकार में मंत्री या प्रदेश का मुख्यमंत्री बना जिनमें महाराष्ट्र, हरियाणा के अन्जान चेहरे उल्लेखनीय है। राजस्थान में अमीत शाह पहली बार आ रहे हैं जबकि राजस्थान में विधानसभा, निकाय या पंचायत स्तर तक के चुनाव भी नहीं हैं, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के राजस्थान दौरे को ऐतिहासिक एवं यादगार बनाने के लिए सिर्फ प्रदेश भाजपा ही नहीं बल्कि वसुन्धरा राजे की पूरी सरकार समारोह स्थल को सजाने में लग गये हैं।
अमर जवान ज्योति के सामने अमित शाह की विशाल सभा में आने वाले प्रदेश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए जो मंडप बनाये गये हैं उन्हें देखकर वसुन्धरा राजे की पिछली सरकार के समय वल्र्ड ट्रेड पार्क के शिलान्यास की याद ताजा हो जाती है जिसमें शाहरूख खान ने सोने की ईंट से नींव रखी थी और वातानुकुलित मंडप में विश्व भर से ज्वैलर्स ने भाग लिया था।
राजस्थान की राजनीति पर 'पैनी नजर' रखने वाले चाणक्य कहते हैं कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे अमित शाह के इस दौरे को ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय बनाकर नरेन्द्र मोदी एण्ड कम्पनी जिसमें अमित शाह भी प्रमुख हैं इनके दिलों में वसुन्धरा राजे के प्रति फैली 'गलत फहमी' मिटाने का प्रयास कर रही है, जबकि कुछ लोग ऐसे शगुफे भी छोड़ रहे हैं कि अमित शाह अपने वफादार साथी ओम माथुर के 'उज्जवल' भविष्य की नींव रखने आ रहे हैं। भगवान करे यह शगुफा झूठा हो। क्योंकि राजस्थान सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे इस समय रिसर्जेंट राजस्थान के मार्फत राजस्थान में सौ साल तक एक तरफा विकास की नींव रखने में दिन रात व्यस्त हैं। देश-विदेश में मुख्यमंत्री राजे के दौरों के अलावा पूरे मंत्रिमण्डल के प्रयास बताते हैं कि राजस्थान में सिर्फ उद्योगपति ही नहीं इनसे जुड़े लाखों परिवारों को रोजगार, व्यवसाय, छोटे उद्योग, किसान की फसलों को उचित मूल्य एवं अन्य विकास के नये रास्ते भी खुलेंगे।
चाणक्य का उपदेश है कि राजनीति में अपने से तेज भाग रहे साथी में यदि स्वयं का बेटा भी है तब भी उसे गिराने या रोकने का प्रयास किया जाना चाहिये। ऐसा ही राजस्थान की राजनीति में भी सम्भावित लग रहा है। आज देश के किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री अपने राज्य के लिए ऐसे प्रयास नहीं कर रहा है जो मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे कर रही हैं या यूं भी कह सकते हैं कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी और राजस्थान में वसुन्धरा राजे एक ही गति से विदेश दौरे एवं देश के विभिन्न राज्यों से उद्योगों के लिए निवेश लाने का प्रयास कर रहे हैं।
अमित शाह का दौरा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की पीठ थपथपाता है या 162 विधायकों के कान में अपने वफादार दोस्त को आगे बढ़ाने का मंत्र फूंकता है। जो भी हो 25 अप्रेल को 'शनि' किसके लिए शुभ होता है और किसके लिए 'प्रकोप' बनेगा। इसका फैसला मंच पर बैठने की व्यवस्था और अमित शाह के भाषण में किसकी प्रसंशा होती है इसी से मेरे राजस्थान के विकास का भविष्य तय हो जायेगा।

'बेलगाम भाषण' टोपी-बुर्के को भाजपा से धकेल रहे हैं...
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के स्वागत में हजारों मुसलमानों को टोपीयां पहनाकर एवं मुस्लिम औरतों को काले बुर्के पहनाकर शानदार स्वागत कर पूरे देश में और विशेषकर यूपी-बिहार के मुसलमानों को भाजपा के साथ आने का संदेश दिया जायेगा। भारत का मुसलमान तो कांग्रेस छोड़कर लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के साथ आ गया था, लेकिन अपनी पार्टी के 'सांपनाथ-नागनाथ'  बने नेताओं के मुस्लिम विरोधी भाषण मुसलमानों की भाजपा के प्रति विश्वसनीयता को आपके दिलों में ही कम कर दिया है जिससे राजस्थान दौरे में आपके स्वागत में 'टोपी-बुर्के' का प्रदर्शन दौहराना पड़ रहा है।
अमित शाह साहब, आजादी के बाद देश और प्रदेश (राजस्थान) में जब भी भाजपा का शासन रहा तब मुसलमान सुरक्षित रहा है। मुसलमान भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे पर भरोसा ही नहीं करता है बल्कि इन्हें कांग्रेसीयों से ज्यादा मुसलमानों का हमदर्द मानता है, लेकिन आपकी पार्टी के 'बेलगाम' नेताओं के सिर्फ भाषण ही मुसलमान के भाजपा की ओर बढ़ते कदमों को रोक देता है। यूपी-बिहार में आप विजयी रहें, लेकिन थोड़े बहुत भी उल्टे परिणाम आये तो उनका श्रेय 'सांपनाथ-नागनाथ' ब्रांड नेताओं की ही देना चाहिये।
भाजपा की प्रदेश ईकाई में बैठे मुस्लिम नेता अमित शाह के स्वागत में हजारों की संख्या में सर पर टोपीयां पहनकर और औरतें बुर्का पहनकर अमित शाह का एयरपोर्ट से मंच तक के रास्ते में किसी एक स्थान पर फूल बरसा कर बतायेंगे कि राजस्थान का मुस्लिम भाजपा के साथ है। इतनी तेज गर्मी में मुसलमानों का ऐसा प्रदर्शन क्यों हो रहा है। जबकि ऐसे नाटकिय टोपी-बुर्का प्रदर्शन चुनाव के वक्त मतदाताओं में भ्रम फैलाने के लिए होता है।
अमित शाह के स्वागत में मुसलमानों को एयरपोर्ट से आते वक्त जयपुर डेयरी के पास फूल बरसाने एवं अमित शाह को टोपी पहनाकर रूमाल गले में डालने का स्थान तय किया है। सभा स्थल से तीन किलोमीटर दूर हजारों मुसलमान स्वागत के बाद वापस सभा स्थल अमरूदों का बाग तक दो-तीन घंटे में भी नहीं पहुंच सकते हैं फिर भाजपा के नेताओं ने ऐसा स्थान क्या मुसलमानों को अमित शाह की विशाल सभा से दूर रखने के लिए चुना है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार, दैनिक महका राजस्थान के प्रधान सम्पादक एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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