Tuesday, February 16, 2016

मुसलमान आईएस से दूर रहेंः प्यारे मियां


मुसलमान आईएस से दूर रहेंः प्यारे मियां

अब्दुल सत्तार सिलावट                                                      
राजस्थान में पिछले कुछ समय से इराक और सीरिया में चल रहे गृह युद्ध में लड़ाके संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से मुस्लिम युवाओं के जुड़ने की ख़बरों से राजस्थान आज भी सुरक्षित एवं अछुता है भले ही एक दो युवा छात्रों को शक से गुज़रना पड़ रहा है।
राजस्थान के मुस्लिम नेता एवं ऑल इंडिया हकीम अज़मल खां मेमोरियल सोसायटी के चेयरमैन नवाब नसीमुद्दीन खां प्यारे मियां ने बताया कि राज्य का मुसलमान मुख्यतः शांति-अमन एवं भाईचारे में विश्वास करने वाला है साथ ही इराक सीरिया की जंग तो बहुत दूर की लड़ाई है, राजस्थान का मुसलमान तो सीमा से जुड़े पाकिस्तान की नफ़रत वाली राजनीति से भी कोसो दूर रहता है।
नवाब प्यारे मियां ने बताया कि देश भर में जब भी कौमी दंगे हुए हैं उसकी आग से राजस्थान का मुसलमान हमेशा दूर रहा है एवं ‘पराई आग’ को अपने घर (राजस्थान) के आंगन में लाने का हमेशा से विरोधी रहा है। आपने कहा कि आज का युवा फेसबुक, व्हाट्सएप, इंटरनेट से जुड़ा होने के कारण कई बार मीडिया की ख़बरों से आईएस की पत्रिका का नाम मिलने पर जिज्ञासावश उन्हें खोलकर देख लेता है जबकि ऐसे लड़ाकू संगठनों से जुड़ने की बात तो दूर वहां की घटनाओं से भी हमारा युवा अनभिज्ञ है।
नवाब नसीमुद्दीन खां प्यारे मियां ने राजस्थान के मुसलमानों को इराक-सीरिया की आग से दूर रखने के लिए प्रदेश भर से समाज प्रमुखों, आलीम एवं कौम के रहनुमाओं का गुलाबी नगर जयपुर में एक सम्मेलन आयोजन कर समाज में आईएस विरोधी जागरुकता का प्रचार-प्रसार करने की भी तैयारी की है और अगले माह में यह आयोजन सम्भव है।
इराक-सीरिया में इस्लाम के नाम पर आईएस के लड़ाकों द्वारा लड़ी जा रही जंग को इस्लाम विरोधी बताते हुए नवाब प्यारे मियां ने बताया कि अल्लाह ने किसी भी इंसान के ख़ून बहाने को ज़ायज नहीं बताया है ऐसी जंग जिसमें अपना आधिपत्य कायम करना हो उसे हराम करार दिया गया है। इस्लाम में सब्र, अमन और भाई चारे का पैगाम हमारे नबी मोहम्मद (स.अ.व.) ने दिया है और हर मुसलमान इस पर चलकर अपने इमान पर फ़ख्र करता है।
नवाब प्यारे मियां ने राजस्थान के मुसलमानों को आव्हान किया कि आज भले ही देश में भाजपा की सरकार है, लेकिन सरकार और इनके समर्थक संगठन आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद एवं अन्य अपने मज़हब के प्रति समर्पित ज़रूर हैं, लेकिन मुस्लिम विरोधी नहीं है जबकि कुछ ‘ख़ुराफाती’ लोग उल-जलूल बयानबाज़ी कर देश के अमन एवं कौमी एकता को बिगाड़ना चाहते हैं ऐसे लोगों के मिशन को कामयाब नहीं होने देने के लिए मुस्लिम युवाओं को जागरूक कर सरकार द्वारा घोषित अल्पसंख्यक विकास योजनाओं से जुड़कर शिक्षा, रोजगार के साथ देश के विकास की मुख्य धारा से जोड़ने में भागीदारी निभाऐं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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