वसुन्धरा सरकार का दूसरा दौर
तीन साल चहुंमुखी विकासः शहरों से गांव की चौपाल तक
अब्दुल सत्तार सिलावट
पाली। देश में नोटबंदी, चैन्नई में तूफान, मोदी जी के फिर से विदेश दौरे, बैंकों के भ्रष्ट अफसरों की धरपकड़ और राजस्थान मंत्रिमंडल में नये-उत्साही, जाति और क्षेत्रिय समीकरण। इन सब के बीच राजस्थान की उत्साही मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के दूसरे दौर के कार्यकाल के सफलतम तीन साल। महारानी साहिबा भले ही भाजपा से जीतकर आती हैं, लेकिन उत्तर भारत में भाजपा की मात्र पहली नेता मुख्यमंत्री हैं जिसे सिर्फ भाजपा या हिन्दूवादी संगठन ही नहीं, बल्कि राजस्थान के मुस्लिम भी दिल से चाहते हैं, सम्मान करते हैं और अब तो भाजपा को राजस्थान का मुसलमान वोट भी देने लगा है। इसका मुख्य कारण है वसुन्धरा राजे का ‘दिल’ से गैर साम्प्रदायिक होना और सबूत है कि पिछले पाँच साल और अब के तीन साल में राजस्थान में छुटपुट घटनाओं को छोड़कर कहीं भी गोपालगढ़, सराड़ा (उदयपुर), बालेसर (जोधपुर) जैसी साम्प्रदायिक आग स्वयं मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने हर घटना पर नजर रखकर मुसलमानों की सुरक्षा कर वायदा पूरा किया।
पश्चिमी राजस्थान का पाली जिला। सांसद सहित छः विधायक भाजपा के। इनमें सांसद पी.पी. चौधरी केन्द्र में मंत्री, जैतारण एवं बाली विधायक राज्य सरकार में मंत्री और सुमेरपुर विधायक मदन राठौड़ राजस्थान विधानसभा में उप मुख्य सचेतक। चौदहवीं विधानसभा के पहले तीन साल में राजस्थान को मुख्यमंत्री वसुन्धरा ने ‘रिसर्जेंट राजस्थान’, जल स्वावलम्बन, मुफ्त दवा योजना को निरन्तर, भामाशाह, अन्नत्योदय, मुख्यमंत्री आवास योजना जैसी विशाल योजनाएं दी। लेकिन हम बात करेंगे टेक्सटाइल और चूड़ी उद्योग से जुड़े पाली जिले की जिसे सुमेरपुर विधायक मदन राठौड़ के प्रयासों से जवाई पुनर्भरण जैसी विशाल ‘भागीरथी गंगाधारा’ की मंजूरी ही नहीं डीपीआर भी शुरू हो गई और तीन प्रमुख योजनाएं पाली के लोकप्रिय विधायक ज्ञानचन्द पारख आजादी के बाद पहला मेडिकल कॉलेज, पर्यावरण हेतु जेडएलडी एवं करोड़ों की पाली शहर में सीवरेज योजना।
जैतारण से जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल एवं बाली से ऊर्जा मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह राणावत ने पाली जिले को अपने मंत्रालयों के अलावा अन्य योजनाओं को भी लागू करवाकर पाली जिले को भाजपा के तीन साल की विकास दौड़ में आगे रखा है।
इतनी शक्ति ‘इन्हें’ देना दाता!
हजारों परिवारों को रोजगार देने वाली पाली की टेक्सटाईल फैक्ट्रीयां प्रदूषण उगलने की सजा भुगतने के रूप में पिछले साढ़े तीन माह से बंद हैं और आम जनता फैक्ट्री मालिकों से अधिक भाजपा सरकार के नेताओं की आपसी गुटबाजी को इसका जिम्मेदार मानती है।
पाली की जनता ईश्वर से प्रार्थना कर रही है कि ...इतनी शक्ति ‘इन्हें’ देना दाता... कि आगामी 16 दिसम्बर को पाली शहर के हर घर में एक बार फिर दीपावली के दीप जले, खुशियों में पटाखे छोड़ें और क्रिसमस 25 दिसम्बर से पहले पाली की फैक्ट्रीयों पर रंग-बिरंगे फूलों की छपाई वाली साड़ियां और सूट लहराते नजर आएं।
पाली को आखिरी उम्मीद केन्द्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी से हैं जिनके पास विधि मंत्रालय का एक विभाग एनजीटी है जिसके आदेश पर पाली का भविष्य टिका है।
पुलिस-खाकीः अमन के रखवाले
राजस्थान सरकार के तीन साल के सफलता में विकास योजनाओं की दौड़ में पाली जिला पुलिस ने आमजन को अमन, शांति, ट्रेफिक नियमों का पालन एवं अपराधियों को पकड़ने में पुलिस का सहयोग करने का संदेश भी दिया।
पाली के बांगड़ स्कूल प्रांगण के विशाल पांडाल में पुलिस के स्टॉल पर आमजन तक संदेश पत्र देते पाली शहर कोतवाल अमरसिंह रतनू एवं महिला पुलिसकर्मी भी नजर आए।